छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला वन्य जीवों के लिए बहुत ही अनुकूल है. जिले में आए दिन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अनोखे और बेहद जहरीले सांप निकलने की सूचना मिलती रहती है. इलाके में जगह सांप निकले. रजगामार रोड स्थित डीएफओ बंगले में सांप निकल आया. चौकीदार ने बताया गेहुवान सांप हैं, जिसकी जानकारी जिले में स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख जितेन्द्र सारथी को सूचना दी गई. जितेन्द्र सारथी डीएफओ बंगले पर पहुंचे और गेट के पास बैठे सांप को सुरक्षित रेस्क्यू किया. उन्होंने बताया कि कॉमन वुल्फ प्रजाति का सांप है और यह ज़हरीला नहीं होता.
दूसरी तरफ वीआईपी बाईपास रोड पर एक अजगर निकलने से अफरातफरी मच गई. यहां पर एक विशालकाय अजगर बड़े आराम से रोड़ पार करता दिखा और उसे देखने के कारण 20 मिनट तक रोड पूरा जाम हो गया. देखते ही देखते अजगर रोड पार कर लिया. लोगों में अजगर को देखने के लिए काफी उत्साह दिखा. बाद में राहगीरों ने इसकी सूचना जितेन्द्र सारथी को दी. मौके पर पहुंचे जितेन्द्र सारथी ने बड़ी कुशलता से 10 फीट विशालकाय अजगर को पकड़ा और बोरी में रखा, तब जाकर राहगीरों की जान में जान आई.
स्नैक कैचर जितेन्द्र सारथी ने बताया कि जिले के जैव विविधता को बचाने की आवश्यकता हैं. निरंतर इसी तरह हम वन्य जीवों को बचाते रहेंगे तो आने वाले समय में जिले की खूबसूरती वन्य जीवों के साथ जंगलों की बढ़ेगी. बता दें कि कोरबा जिला वन्य जीवों के लिए बहुत ही अनुकूल है, इसी वजह से यहां वन्य जीवों की भरमार है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ उप सचिव सौम्या चौरसिया को राज्य में कथित कोयला ढुलाई घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के संबंध में शुक्रवार को गिरफ्तार किया. रायपुर जिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक विशेष अदालत ने चौरसिया को चार दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया. इस पर सीएम बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ईडी की कार्रवाई को ‘राजनीतिक कार्रवाई’ बताया है.
चौरसिया के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद अधिकारी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया गया. ईडी ने चौरसिया की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया लेकिन विशेष अदालत ने दलीलें सुनने के बाद केवल चार दिन की हिरासत प्रदान की. रिजवी ने कहा कि ईडी ने उनकी हिरासत का अनुरोध करते हुए अधिकारी द्वारा एक कथित भूखंड की खरीद का उल्लेख किया, जो आयकर विभाग के दायरे में आता है और उन्होंने पहले ही इस सौदे के बारे में स्पष्टीकरण दे दिया था. उन्होंने कहा कि ईडी का मानना है कि भूमि खरीद के लिए इस्तेमाल किया गया धन कोयला ढुलाई घोटाले से आया हो सकता है.
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